बरही क्षेत्र में बिजली विभाग की तानाशाही के खिलाफ फूटा ग्रामीणों का आक्रोश

बिजली गई… जनता त्रस्त, जिम्मेदार मौन: बरही क्षेत्र में बिजली विभाग की तानाशाही के खिलाफ फूटा ग्रामीणों का आक्रोश
– अदृश्य शक्ति न्यूज़ के लिए एडिटर जानकी प्रसाद विश्वकर्मा की विशेष रिपोर्ट

कटनी/बरही, मध्यप्रदेश।
एक ओर भीषण गर्मी ने आम जनजीवन को बेहाल कर रखा है, वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग की लापरवाही ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। कटनी जिले के बरही क्षेत्र के ग्रामीण आज बिजली संकट के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। दिन हो या रात – जब विभाग का “मन” होता है, बिजली काट दी जाती है। 6 से 8 घंटे तक लगातार बिजली गुल रहना अब यहां की “नियमित व्यवस्था” बन चुकी है।

बिजली नहीं, अंधकार और डर का राज
गर्मी की तपन और अंधेरे की मार से परेशान ग्रामीणों का अब सब्र जवाब देने लगा है। रातभर बिजली गुल रहने के कारण न केवल बुजुर्ग और बच्चों की नींद उचट रही है, बल्कि चोरों और असामाजिक तत्वों का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। महिलाओं में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है और किसानों को अपने खेतों की रखवाली करना मुश्किल होता जा रहा है।

“मेंटेनेंस” और “रेस्ट” बना बहाना
जब ग्रामीण बिजली विभाग से संपर्क करते हैं, तो उन्हें जो जवाब मिलता है वह और भी चौंकाने वाला है। ठेके पर काम कर रहे कर्मचारी बेहिचक कहते हैं, “मेंटेनेंस चल रहा है”, या फिर “स्टाफ रेस्ट पर है।” ऐसी लापरवाही और जवाबदेही की कमी जनता के साथ खुलेआम मज़ाक है।

स्थायी नहीं, केवल ठेके के भरोसे चल रहा है विभाग
बरही क्षेत्र में बिजली विभाग की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि यहाँ कोई स्थायी कर्मचारी नहीं है। पूरे विभाग को ठेके के अधीन चलाया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में कोई जवाबदेही या डर नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार, जब भी किसी कर्मचारी से सवाल किया जाता है तो उनका जवाब होता है – “जहाँ शिकायत करनी है, कर दो। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।”

कम वोल्टेज और झूलती लाइनें – एक और मुसीबत
बिजली कटौती की समस्या के साथ-साथ ग्रामीण कम वोल्टेज से भी जूझ रहे हैं। कई बार बिजली आती तो है, लेकिन इतनी कमजोर कि पंखे भी नहीं चल पाते। टीवी, फ्रिज, मोटर जैसे उपकरणों के खराब होने का खतरा बना रहता है।

बिल समय पर, बिजली भगवान भरोसे!
बिजली विभाग की ओर से सबसे बड़ी विडंबना यह है कि बिल तो समय पर भेजे जाते हैं, और नहीं भरने पर कनेक्शन काटने की चेतावनी तुरंत आ जाती है। लेकिन जब सेवा देने की बात आती है तो विभाग पूरी तरह से नाकाम नजर आता है।

जनता का गुस्सा – आंदोलन की तैयारी में ग्रामीण
बरही के कई गांवों – उबरा, खमतरा, चौगान, लमतरा सहित दर्जनों गांवों के लोगों ने अब सामूहिक आंदोलन की चेतावनी दी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही बिजली की आपूर्ति सुचारु नहीं की गई और विभाग की तानाशाही पर रोक नहीं लगी, तो वे तहसील और जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन करेंगे।

प्रशासन मौन, सवाल उठते हैं
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस अंधकार में डूबी व्यवस्था पर प्रशासन की नजर नहीं? क्या ये सब स्थानीय अधिकारियों की जानकारी और संरक्षण में नहीं हो रहा? ग्रामीणों को भरोसा है कि अगर मीडिया और उच्च अधिकारी ध्यान दें तो इस समस्या का समाधान संभव है।

निष्कर्ष:
बरही क्षेत्र की यह स्थिति सिर्फ एक बिजली संकट नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की उदासीनता और एक विभागीय तानाशाही का नमूना है। अदृश्य शक्ति न्यूज़ की यह रिपोर्ट उन हजारों ग्रामीणों की आवाज है जो आज भीषण गर्मी में भी बिजली के लिए तरस रहे हैं।

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