कटनी में फसल अवशेष जलाना पड़ा भारी, बरही तहसील में दो अलग-अलग घटनाएं — प्रशासन सख्त, अब तक 8 किसानों पर एफआईआर
कटनी।
कटनी जिले में फसल अवशेष (नरवाई) जलाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद ऐसे मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
बरही थाना क्षेत्र के ग्राम सिजहरा और ग्राम उबरा से आज दो ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने प्रशासन की चिंता और किसानों की सतर्कता — दोनों को केंद्र में ला खड़ा किया है।

पहली घटना:
बरही तहसील के ग्राम सिजहरा में 60 वर्षीय शेख कासिम पिता शेख मुराद द्वारा खेत में फसल अवशेष जलाने का मामला सामने आया। कोटवार भगवत प्रसाद दहायत द्वारा तैयार पंचनामा और हल्का पटवारी न. 62 के प्रतिवेदन के आधार पर बरही थाना में धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
घटना खसरा नंबर 1008, रकबा 0.14 हेक्टेयर भूमि की है, जहां आग लगने से आसपास की खड़ी फसलों में नुकसान की आशंका बनी। परंतु प्रशासन की सतर्कता और एसडीएम विजयराघवगढ़ महेश मंडलोई एवं नायब तहसीलदार पी.के. वर्मा की त्वरित कार्रवाई से मौके पर फायर ब्रिगेड भेजी गई और आग पर समय रहते नियंत्रण पा लिया गया।
दूसरी घटना:
इसी दिन, कटनी जिले की बरही तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत उबरा में भी ऐसी ही एक दर्दनाक घटना सामने आई। राम लोटन विश्वकर्मा के खेत सेहरा में अचानक आग लग गई, जिससे कई एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई।
- कटनी में फिर भड़की खेतों की आग, बरही और उबरा में जली फसलें!
- फसल अवशेष जलाना पड़ा महंगा, बरही में छठवीं एफआईआर दर्ज
- उबरा गांव में खेत में लगी आग, कई एकड़ गेहूं की फसल खाक
- ग्रामीणों की तत्परता से टली बड़ी अनहोनी, ट्यूबवेल से बुझाई आग
- प्रशासन की अपील—न जलाएं नरवाई, वरना होगी सख्त कार्रवाई
- अब तक 8 किसानों पर हो चुकी FIR, कलेक्टर ने फिर दी चेतावनी
- धुएं से बर्बाद हो रही मिट्टी की ताकत, बढ़ता प्रदूषण बना चिंता का कारण
- नरवाई की चिंगारी से लपटों में फसल, खेतों में फैल रही लापरवाही की आग
इस बार प्रशासन नहीं, बल्कि गांव वालों की सतर्कता और मेहनत ने बड़ी अनहोनी को टाल दिया। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने ट्यूबवेल के पानी और अथक प्रयासों से आसपास की फसलों को जलने से बचा लिया।
हालांकि आग लगने का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन इस घटना ने यह तो साफ कर दिया कि खेतों में सुरक्षा को लेकर हर स्तर पर चौकसी की जरूरत है।

जिला प्रशासन सतर्क, अपील जारी
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने एक बार फिर जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे खेतों में फसल अवशेष न जलाएं।
नरवाई जलाने से न सिर्फ अग्नि दुर्घटना का खतरा बढ़ता है, बल्कि इससे निकलने वाला धुआं पर्यावरण प्रदूषण को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति को नुकसान पहुंचाता है।
अब तक जिले में 8 किसानों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आगे भी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

निष्कर्ष:
कटनी जिले की ये घटनाएं एक बार फिर साबित करती हैं कि फसल कटाई के बाद की लापरवाही कैसे खेती, किसान और पर्यावरण — तीनों को प्रभावित कर सकती है। जरूरी है कि हर किसान सतर्क रहे, और जहां आवश्यकता हो वहां प्रशासन भी उतनी ही तत्परता से कार्य करे।