आंतरिक सुरक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक, ब्लैकआउट के दौरान नागरिकों की भूमिका पर दिया गया विशेष जोर
कटनी, 12 मई। वर्तमान समय में देश और दुनिया में उत्पन्न युद्ध तनावपूर्ण परिस्थितियों के मद्देनज़र जिले में आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक पुलिस अधीक्षक श्री अभिजीत कुमार रंजन की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें जिले के प्रमुख धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों, पेट्रोल पंप संचालकों सहित पुलिस और सामान्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य संभावित आपातकालीन स्थितियों, विशेष रूप से ब्लैकआउट के दौरान, नागरिकों और सामाजिक संगठनों से अपेक्षित सहयोग पर चर्चा करना था। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि चाहे बात बाहरी सुरक्षा की हो या आंतरिक, जब तक आम नागरिकों एवं सामाजिक संगठनों का समर्पित सहयोग प्राप्त नहीं होता, तब तक सुरक्षा के किसी भी लक्ष्य को पूर्ण रूप से हासिल नहीं किया जा सकता।
बैठक में पुलिस कंट्रोल रूम के माध्यम से ऑडियो-वीडियो क्लिप प्रदर्शित किए गए। प्रोजेक्टर डिस्प्ले के माध्यम से “ब्लैकआउट की स्थिति में क्या करें और क्या न करें” विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई। नागरिकों को बताया गया कि ब्लैकआउट जैसी आपातकालीन स्थिति में अनावश्यक रूप से प्रकाश का प्रयोग न करें, अफवाहों से बचें और किसी भी असत्यापित जानकारी को सोशल मीडिया पर प्रसारित न करें।
पुलिस अधीक्षक श्री रंजन ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में साइबर सुरक्षा एक अहम भूमिका निभा रही है। किसी भी संदिग्ध लिंक, वेबसाइट या जानकारी पर क्लिक करने से पहले नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने अपील की कि राष्ट्रहित से जुड़ी किसी भी संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले उसकी गंभीरता को समझें और गोपनीयता बनाए रखें।
इस बैठक में सामाजिक संगठनों की जिम्मेदारी पर विशेष बल दिया गया। धार्मिक संगठनों से अपील की गई कि वे अपने अनुयायियों को शांति बनाए रखने, अफवाहों से दूर रहने और प्रशासन के साथ समन्वय में कार्य करने के लिए प्रेरित करें। पेट्रोल पंप संचालकों से भी विशेष परिस्थिति में आवश्यक आपूर्ति बनाए रखने को लेकर चर्चा की गई।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहरिया, एडीएम श्रीमती साधना परस्ते, डीएसपी अजाक श्री प्रभात शुक्ला, डीएसपी हेडक्वार्टर उमराव सिंह प्रमुख रूप से शामिल रहे। इन अधिकारियों ने भी अपने-अपने विभागों की तैयारियों और सहयोग की रूपरेखा प्रस्तुत की।
बैठक के अंत में नागरिकों से अनुरोध किया गया कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपातकालीन स्थिति में संयम और जिम्मेदारी का परिचय दें। पुलिस प्रशासन द्वारा बताया गया कि आने वाले दिनों में इस प्रकार की और भी जागरूकता बैठकों का आयोजन किया जाएगा, ताकि आम नागरिकों को सुरक्षा संबंधी आवश्यक जानकारी दी जा सके।
यह बैठक न सिर्फ प्रशासनिक स्तर पर एक गंभीर प्रयास थी, बल्कि यह एक संदेश भी था कि जब जनता और प्रशासन एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो किसी भी चुनौती का डटकर सामना किया जा सकता है।