राज्यसभा में शुक्रवार को हुए घटनाक्रम ने एक बार फिर से विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच तीखी बहस और विवाद को उजागर किया। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के समर्थन में वॉकआउट किया। यह वॉकआउट उस समय हुआ जब जया बच्चन ने सदन में ‘जया अमिताभ बच्चन’ के नाम के संदर्भ में की जा रही टिप्पणियों का विरोध किया और इसे अपमानजनक बताया।
सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के समर्थन में वॉकआउट किया
जया बच्चन ने वॉकआउट के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अपने अनुभव को “अपमानजनक” बताया और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के साथ किए गए व्यवहार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “चेयर से जो भी कहा जाता है… उसकी अनुमति है। चेयर के बाहर, व्यक्ति हमारे जैसे ही होते हैं… एक सांसद। मैंने चेयर द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति जताई। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं और हममें से कुछ तो वरिष्ठ नागरिक भी हैं। मैं उनके लहजे से परेशान थी… खासकर जब विपक्ष के नेता (कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे) बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने (चेयर ने) माइक बंद कर दिया…”
जया बच्चन ने सदन में इस्तेमाल किए गए असंसदीय शब्दों और महिलाओं के प्रति किए गए अपमानजनक व्यवहार पर भी गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “हर बार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है… जैसे ‘उपद्रव’, जैसे ‘आप एक सेलिब्रिटी हो सकते हैं लेकिन मुझे परवाह नहीं है’। मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूँ! संसद में अब तक किसी ने भी इस तरह से बात नहीं की है। यह महिलाओं के लिए बहुत अपमानजनक है।”
विपक्षी सांसदों ने जया बच्चन का समर्थन करते हुए संसद से वॉकआउट किया और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ विरोध जताया। जया बच्चन ने अध्यक्ष से माफी की मांग की, लेकिन जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो विपक्ष ने सदन से बाहर निकलने का फैसला किया।
सोनिया गांधी और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन के नेतृत्व में विपक्षी सांसद संसद के बाहर एकत्र हुए और जया बच्चन के साथ एकजुटता दिखाई। कांग्रेस कमिशन के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी सांसदों को बार-बार संसद में अपमानित किया जा रहा है और उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने जया बच्चन के विशाल संसदीय अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि उनके साथ इस तरह का व्यवहार अनुचित है।
भाजपा के प्रमुख और राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने विपक्ष के इस वॉकआउट को “अशोभनीय और गैर-जिम्मेदाराना” बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है और इस तरह के विरोध से लोकतंत्र का अपमान हो रहा है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विपक्ष के व्यवहार की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान का अपमान बताया।
इस घटनाक्रम के बाद राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्ष और सरकार के बीच का यह टकराव अगले सत्र में भी जारी रहने की संभावना है, जिससे संसद में होने वाली बहसें और भी गर्म हो सकती हैं।