Bahoriband की दो ग्राम पंचायतों पर 3.96 लाख की वसूली के आदेश

सोलर लाइट खरीदी में अनियमितता: बहोरीबंद की दो ग्राम पंचायतों पर 3.96 लाख की वसूली के आदेश

कटनी। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी श्री शिशिर गेमावत ने विकासखंड Bahoriband की दो ग्राम पंचायतों — जुजावल और मोहनिया — में सोलर लाइट की खरीदी में गंभीर अनियमितताओं के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आर्थिक दंड की कार्यवाही प्रारंभ की है। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए कुल 3 लाख 96 हजार रुपये की वसूली का आदेश पारित किया गया है।

भंडार क्रय नियमों की खुली अनदेखी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत जुजावल एवं मोहनिया में भंडार क्रय नियमों का पालन किए बिना सोलर लाइट की खरीदी की गई थी। जनपद पंचायत Bahoriband के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि खरीदी प्रक्रिया में नियमों की अवहेलना करते हुए पंचायत निधियों का अनियमित उपयोग किया गया।

जुजावल पंचायत से 3.30 लाख की वसूली

ग्राम पंचायत जुजावल में 10 नग सोलर लाइट की खरीदी के एवज में कुल 3 लाख 30 हजार रुपये का व्यय किया गया था। इस संबंध में जांच के उपरांत तत्कालीन सरपंच महेश प्रसाद हल्दकार और तत्कालीन सचिव राजभान हल्दकार को दोषी पाया गया। दोनों पर आधे-आधे हिस्से में राशि वसूली का आदेश दिया गया है। हालांकि, महेश प्रसाद हल्दकार की मृत्यु हो चुकी है, इसलिए अब यह राशि उनके वारिसों या उत्तराधिकारियों से वसूली जाएगी।

मोहनिया पंचायत से 66 हजार की वसूली

इसी प्रकार ग्राम पंचायत मोहनिया में 2 नग सोलर लाइट की खरीदी पर 66 हजार रुपये का व्यय हुआ था। इस पर तत्कालीन सरपंच सविता बाई और सचिव कोमल झारिया को समान रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों से आधे-आधे हिस्से में राशि की वसूली करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

उत्तर देने का दिया गया था अवसर

जिला पंचायत सीईओ श्री शिशिर गेमावत ने बताया कि उक्त प्रकरणों में संबंधित सभी व्यक्तियों को नोटिस जारी कर उपस्थित होकर जवाब देने के पर्याप्त अवसर प्रदान किए गए थे। किन्तु, समाधानकारी उत्तर प्राप्त न होने के कारण यह निर्णय लिया गया।

15 दिवस की मोहलत, अन्यथा कड़ी कार्रवाई

जारी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि अनावेदकों द्वारा निर्धारित राशि 15 दिवस की समयावधि में ग्राम पंचायत के बैंक खाते में जमा नहीं की जाती है, तो मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत पृथक से प्रकरण दर्ज कर वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। यह राशि निर्धारित मद में पंचायत के खाते में जमा कराना अनिवार्य होगा।

जनहित में सख्त कार्रवाई का संकेत

यह कार्यवाही पंचायत व्यवस्था में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया है कि भविष्य में भी ऐसी किसी भी अनियमितता या भ्रष्टाचार की स्थिति में इसी प्रकार की सख्त और त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

जिला पंचायत की इस सख्ती से ग्राम पंचायतों में जवाबदेही की भावना मजबूत होने की उम्मीद है और यह संदेश भी गया है कि जनधन के दुरुपयोग को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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