जनपद सदस्य राकेश कुमार साहू ने सीईओ प्रदीप सिंह पर लगाए गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपकटनी।
कटनी जिले की जनपद पंचायत से जुड़ा एक गंभीर मामला सुर्खियों में आ गया है। जनपद सदस्य राकेश कुमार साहू ने पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) प्रदीप सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जनपद स्तर पर एक ही सड़क निर्माण कार्य के लिए दो बार राशि जारी की गई है।
साहू का आरोप है कि यह न केवल वित्तीय गड़बड़ी है, बल्कि एक बड़े स्तर पर प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का साफ उदाहरण भी है।राकेश साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले की लिखित शिकायत जिला कलेक्टर और जनपद सीईओ दोनों से की गई है।
लेकिन शिकायत दर्ज होने के बावजूद आज तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना है कि जब जनप्रतिनिधि होकर भी उन्हें न्याय और सुनवाई का अवसर नहीं मिल रहा है, तो आम जनता के साथ होने वाले अन्याय और भ्रष्टाचार की गंभीरता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
साहू का आरोप है कि जिस सड़क का काम पहले ही एक बार स्वीकृत होकर राशि जारी की जा चुकी थी, उसी कार्य को दोबारा स्वीकृति देकर अलग वित्तीय मद से भुगतान कर दिया गया। यह प्रक्रिया सीधे-सीधे नियमों के विरुद्ध है और इसमें मिलीभगत का शक गहराता जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की यह प्रवृत्ति ग्रामीण विकास योजनाओं की आत्मा को खोखला कर रही है, जिससे जनता को मिलने वाला लाभ बीच में ही हड़प लिया जा रहा है।
जनपद सदस्य ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी शिकायत पर अब भी कोई सुनवाई नहीं होती है तो वे इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने से पीछे नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि एक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य जनता की समस्याओं और उनकी आवाज को उठाना होता है। यदि प्रतिनिधियों की ही आवाज को दबाया जाएगा, तो आम लोगों की शिकायतें कहाँ जाएंगी?यह पहला मौका नहीं है जब जनपद स्तर पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आए हों। लेकिन इस बार मामला इसलिए और गंभीर हो गया है क्योंकि आरोप सीधे-सीधे जिम्मेदार अधिकारी पर लगाए गए हैं।
पंचायत व्यवस्था में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच की जाए।राकेश साहू ने कहा कि वे इस मुद्दे को केवल व्यक्तिगत लड़ाई के रूप में नहीं देख रहे, बल्कि यह जनहित और जनधन से जुड़ा मामला है। एक सड़क निर्माण कार्य के लिए यदि दो बार भुगतान हो सकता है, तो सोचिए अन्य योजनाओं और विकास कार्यों में किस हद तक गड़बड़ी हो रही होगी। जनता का पैसा जनता की सुविधाओं पर खर्च होना चाहिए, न कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ना चाहिए।
गौरतलब है कि कटनी जिले के ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण और आधारभूत संरचना विकास हमेशा से एक बड़ा चुनावी और प्रशासनिक मुद्दा रहा है। खराब सड़कों के चलते गांवों को जोड़ने वाले मार्ग अक्सर जर्जर स्थिति में रहते हैं। ऐसे में यदि स्वीकृत कार्यों की राशि भी पारदर्शी ढंग से खर्च नहीं होती, तो ग्रामीण विकास का सपना अधूरा ही रह जाएगा।इस पूरे प्रकरण पर प्रशासन की चुप्पी भी सवाल खड़े कर रही है। शिकायत दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई न होना कहीं न कहीं जिम्मेदारों की संवेदनहीनता को उजागर करता है।
जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से जनता अब यह अपेक्षा कर रही है कि मामले की जांच हो और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।जनपद सदस्य साहू का कहना है कि वे अंतिम समय तक इस लड़ाई को जारी रखेंगे। उनका विश्वास है कि सच्चाई को देर-सबेर सामने आना ही होगा। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि वे ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने में आगे आएं और अपनी आवाज बुलंद करें।
कटनी की यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि प्रदेश स्तर पर भी पंचायत व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन इस गंभीर मामले पर क्या रुख अपनाता है और क्या वास्तव में जिम्मेदारों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाता है या नहीं।