पंचायत दर्पण के पोर्टल में बिल के जगह ,काला पेपर
ढीमरखेड़ा – कटनी जिले की ढींमरखेड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली बिचुआ पंचायत में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का खेल सामने आया है। सरपंच और सचिव ने मिलकर लाखों रुपए की राशि फर्जी बिल लगाकर सरकारी खाते से निकाल ली, जिसका खुलासा तब हुआ जब इन फर्जी बिलों को ऑनलाइन सरकारी पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया। ये “काले कागज़” अब सबके सामने पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश कर रहे हैं।

मामले की गंभीरता को समझते हुए जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि यह एक सुनियोजित घोटाला है। जानकारी के अनुसार, पंचायत में बिना किसी काम को किए ही उसके फर्जी बिल बनाए गए और फिर इन बिलों के आधार पर लाखों की राशि निकाल ली गई। यह राशि मुख्य रूप से उन कामों के नाम पर निकाली गई, जो या तो हुए ही नहीं या फिर अधूरे छोड़ दिए गए। इन फर्जी बिलों में सरपंच और सचिव दोनों की मिलीभगत साफ नजर आ रही है।

ऑनलाइन भुगतान उन लोगों के खातों में किए गए हैं जो न तो संबंधित काम से जुड़े थे और न ही उनके नाम पर कोई काम आवंटित हुआ था। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह सिर्फ कागजी घोटाला नहीं है, बल्कि इसमें ऑनलाइन भुगतान प्रणाली का भी दुरुपयोग किया गया है। इस भ्रष्टाचार में कमीशन के खेल की भी बात सामने आ रही है, जिसमें ऊपरी स्तर के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं।
इस मामले में जब जनपद पंचायत सीईओ से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर मामला है और इसकी विस्तृत जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। हम पोर्टल पर अपलोड किए गए सभी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं और जल्द ही उचित कार्रवाई करेंगे।”
इस खुलासे से पूरे तहशील में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो सके और जनता के पैसों का दुरुपयोग रोका जा सके।

