कमल हासन शंकर की हिंदुस्तानी 2 में प्रतिष्ठित सेनापति के रूप में लौटे हैं, और अनुभवी अभिनेता ने ऐसा अभिनय किया है जो शक्तिशाली और मार्मिक दोनों है। हासन अपनी विशिष्ट तीव्रता और करिश्मा को इस भूमिका में लाते हैं, और बड़ी सहजता से वृद्ध सतर्कतावादी की भूमिका में ढल जाते हैं।
हालांकि, पटकथा हासन की ऊर्जा और उत्साह से मेल नहीं खाती। कहानी अत्यधिक जानी-पहचानी लगती है, जो आजमाए हुए ट्रॉप्स और कथानक के ऐसे मोड़ पर निर्भर करती है जिनमें आश्चर्य या प्रभाव की कमी होती है। गति भी धीमी है, जिसमें लंबे-लंबे विवरण और अनावश्यक उप-कथानक हैं जो मुख्य कथा से ध्यान हटाते हैं।
इन खामियों के बावजूद, हासन का अभिनय फिल्म का मुख्य आकर्षण बना हुआ है। उनका सेनापति एक जटिल और सूक्ष्म चरित्र है, जो अपने देश और अपने लोगों की रक्षा करने के लिए एक दृढ़ संकल्प से प्रेरित है। अभिनेता इस भूमिका में गहराई और संवेदनशीलता लाता है, जिससे सबसे अविश्वसनीय क्षण भी विश्वसनीय और प्रामाणिक लगते हैं।
कुल मिलाकर, हिंदुस्तानी 2 एक मिश्रित बैग है, जिसमें हसन का अभिनय और फिल्म के तकनीकी पहलू (प्रभावशाली स्टंट और शानदार एक्शन सीक्वेंस सहित) एक नीरस पटकथा की भरपाई करते हैं। मूल के प्रशंसक खुद को निराश पा सकते हैं, लेकिन हसन की उपस्थिति फिर भी फिल्म को देखने लायक बनाती है।
रेटिंग: 3.5/5 स्टार