कटनी – स्लीमनाबाद निवासी प्रसूता पिंकी हल्दकार की 13 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद में उपचार के दौरान हुई मृत्यु के मामले को गंभीरता से लेते हुए, कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने संयुक्त कलेक्टर संस्कृति मुदित लटौरिया की अध्यक्षता में एक दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है।
इस समिति में डॉ. डी.जे. मोहंती भी शामिल हैं। यह समिति तीन दिवस के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
मामले की पृष्ठभूमि
प्रसूता पिंकी हल्दकार की 11 जुलाई 2024 को उच्च रक्तचाप के कारण सीएचसी स्लीमनाबाद से जिला अस्पताल में हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के लिए बनाए गए बर्थ वेट यूनिट में रेफर किया गया था। 12 जुलाई को जिला अस्पताल से उन्हें बिना किसी चिकित्सकीय टिप्पणी के डिस्चार्ज किया गया। 13 जुलाई को प्रसव पीड़ा के कारण उन्हें दोबारा सीएचसी स्लीमनाबाद में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
जांच के बिंदु
कलेक्टर ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए निम्नलिखित बिंदुओं पर जांच के आदेश दिए हैं:
- डिस्चार्ज प्रक्रिया में अनियमितता: प्रसूता को 12 जुलाई को बिना चिकित्सकीय टीप के डिस्चार्ज किया गया और डिस्चार्ज स्लिप पर खाली हस्ताक्षर पाए गए।
- दस्तावेजों में कूट रचना की संभावना: प्रसूता की मृत्यु के उपरांत दस्तावेजों में कूट रचना की संभावना पर जांच होगी।
- कॉल रिकॉर्डिंग: जांच के दौरान डॉ. शिवम दुबे और डॉ. श्रद्धा द्विवेदी के बीच हुए वार्तालाप की कॉल रिकॉर्डिंग भी जांच का हिस्सा बनेगी।
जांच समिति की भूमिका
संयुक्त कलेक्टर श्रीमती लटौरिया और डॉ. डी.जे. मोहंती की यह समिति तीन दिवस के भीतर मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। कलेक्टर ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मातृत्व मृत्यु की समीक्षा को आवश्यक माना है और जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
यह है मामला
स्लीमनाबाद निवासी प्रसूता पिंकी हल्दकार की 13 जुलाई को अपरान्ह प्रसव पीड़ा के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद मे भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान पिंकी की मृत्यु हो गई। कलेक्टर श्री प्रसाद ने मातृमृत्यु के इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान मे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद के चिकित्सा अधिकारी डॉ शिवम दुबे को दस्तावेजों सहित आहूत किया।
बिना चिकित्सकीय टीप के किया डिस्चार्ज
इस मामले मे डॉ0 शिवम दुबे, से समक्ष में की गई पूछतांछ व प्रसूता श्रीमती पिंकी हल्दकार की जाँच के दस्तावेज का कलेक्टर ने अवलोकन कराया जिससे यह स्थिति सामने आई है कि प्रसूता को 11 जुलाई 2024 को उच्च रक्तचाप के कारण सी.एच.सी स्लीमनाबाद से जिला अस्पताल मे हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के लिये बने बर्थ वेट यूनिट रैफर किया गया था। प्रसूता पिंकी हल्दकार को 12 जुलाई 2024 को जिला अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया व दस्तावेजों में जिला अस्पताल के डिस्चार्ज स्लिप पर बिना किसी चिकित्सकीय टीप के खाली स्लिप पर डॉ0 एस.द्विवेदी के हस्ताक्षर अंकित है। प्रसूता को पुनः 13 जुलाई 2024 को प्रसव पीड़ा के कारण अचानक अपरान्ह 1.15 पर सी.एच.सी. स्लीमनाबाद में भर्ती कराया गया। भर्ती के समय प्रसूता का रक्तचाप अत्यधिक था व उनकी गंभीर स्थिति के कारण प्रसूता को जिला अस्पताल कटनी हेतु रैफर करने का सुझाव उनके पति सुशील हल्दकार को दिया गया। जिस पर प्रसूता के पति सुशील हल्दकार द्वारा यह लिखित में कथन दिया गया कि ‘‘हम कटनी नहीं जायेंगे, कल ही हमें कटनी से छुट्टी दी गई और इसकी महिला की स्थिति को सही बताया गया। लेकिन यहाँ मेरी महिला का बी.पी. बढ़ा है और हालत गंभीर बताई जा रही है। मैं अपने मरीज को कटनी नहीं लेकर जाऊंगा वहां कोई नहीं सुनता’’।
निकाली गई कॉल रिकार्डिंग
डॉ० शिवम द्विवेदी से विवेचना के दौरान पूछा गया कि डिस्चार्ज किस चिकित्सक द्वारा किया गया है। तब उनके द्वारा यह बताया गया कि इस प्रकरण पर उनकी चर्चा डॉ0 श्रध्दा द्विवेदी, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय कटनी से हुई व डॉ० शिवम दुबे के मोबाइल फोन की काल हिस्ट्री के अवलोकन से उनके वार्तालाप की आडियो रिकार्डिंग प्राप्त की गई। डॉ. शिवम दुबे व डॉ० श्रद्वा द्विवेदी के मध्य हुये वार्तालाप अनुसार डॉ0 शिवम दुबे द्वारा डिस्चार्ज स्लिप का पूरक हरे रंग का डिस्चार्ज पेपर खाली होने व नीचे डॉ0 एस0 द्विवेदी के साइन होने की जानकारी डॉ श्रध्दा द्विवेदी को दी गई। प्रसूता पिंकी हल्दकार के स्लीमनाबाद लोकल की निवासी होने तथा उनके चाचा के जनपद सदस्य होने की जानकारी से भी डॉ0 श्रध्दा द्विवेदी को अवगत कराने पर डॉ श्रध्दा द्विवेदी द्वारा कहा गया कि क्या उनके स्टाफ में कोई है जो डिस्चार्ज पेपर पर कुछ लिख सके ? डॉ0 शिवम दुबे द्वारा उक्त कार्य में असमर्थता व्यक्त करने पर डॉ0 श्रध्दा द्विवेदी के द्वारा डॉ0 शिवम दुबे से कहा गया कि वे डिस्चार्ज पेपर अपने पास रखें और उनके संबंधियों (चाचा-जनपद सदस्य) तक जानकारी न पहुंचने दें।
मातृत्व मृत्यु की समीक्षा जरूरी
सभी दस्तावजों एवं वार्तालाप से प्रथम दृष्टया प्रसूता पिंकी हल्दकार की मृत्यु उपरांत दस्तावेजों में कूट रचना करने के प्रयास की संभावना प्रतीत पाई गई। खाली डिस्चार्ज स्लिप पर चिकित्सक के हस्ताक्षर एवं प्रसूता की डिस्चार्ज के अगले दिवस ही अचानक मृत्यु हो जाने पर कलेक्टर ने मातृत्व मृत्यु की समीक्षा को जरूरी माना। इसलिए कलेक्टर द्वारा जांच समिति गठित कर तीन दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करनें के निर्देश दिए गये।
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