विनेश फोगाट ने कुश्ती से लिया संन्यास, ओलिंपिक से बाहर होने के बाद आई घोषणा

Vinesh Phogat Retainment

विनेश फोगाट ने कुश्ती से लिया संन्यास, ओलिंपिक से बाहर होने के बाद आई घोषणा

भारतीय कुश्ती की स्टार विनेश फोगाट ने हाल ही में कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की है। यह निर्णय विशेष रूप से उनके हालिया ओलिंपिक खेलों में अपेक्षित प्रदर्शन से बाहर होने के बाद आया है, जिसने खेल प्रेमियों और उनके अनुयायियों को चौंका दिया है।

 

 

विनेश फोगाट, जिन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की थीं, अब कुश्ती के मैदान से अलविदा ले रही हैं। उनकी रिटायरमेंट की घोषणा ने खेल जगत में हलचल मचा दी है, क्योंकि वह भारतीय कुश्ती की प्रमुख खिलाड़ियों में से एक रही हैं।

करियर की प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • ओलिंपिक खेल 2020: विनेश ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 में महिलाओं की 53 किलोग्राम वेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था। यह उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक था।
  • विश्व कुश्ती चैंपियनशिप: उन्होंने 2018 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता, और 2019 में भी उनका प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा।
  • एशियाई खेल: विनेश ने 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय कुश्ती को गौरव दिलाया।

रिटायरमेंट का कारण:

विनेश फोगाट ने अपनी रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए बताया कि हाल के वर्षों में चोटों और निरंतर संघर्ष के कारण उन्होंने इस निर्णय पर विचार किया। ओलिंपिक खेलों में अपेक्षित प्रदर्शन से बाहर रहने के बाद उन्होंने महसूस किया कि उनके लिए अब प्रतिस्पर्धी कुश्ती जारी रखना संभव नहीं है।

विनेश ने अपने करियर के दौरान भारतीय कुश्ती को एक नई पहचान दी और लाखों युवाओं को प्रेरित किया। उनके संन्यास के बाद, वे खेल के विकास और युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का इरादा रखती हैं।

भविष्य की दिशा:

विनेश ने अपने संन्यास की घोषणा के साथ ही कहा कि वह कुश्ती के प्रति अपने समर्पण को अन्य तरीकों से जारी रखना चाहेंगी। उन्होंने खेल की नई पीढ़ी को प्रशिक्षण देने और कुश्ती के विकास में योगदान देने का निर्णय लिया है। उनका समर्पण और अनुभव भारतीय कुश्ती को भविष्य में भी प्रेरित करता रहेगा।

विनेश फोगाट का करियर एक प्रेरणादायक यात्रा रही है, और उनके द्वारा किए गए योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनका संन्यास भारतीय खेल जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, लेकिन उनकी विरासत और प्रेरणा हमेशा जीवित रहेगी।

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