चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने भारत निर्वाचन आयोग ने की अपील, राजनीतिक दलों से बैठकें 31 मार्च तक पूरी होंगी
कटनी। भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए चुनाव अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से बैठकों में शामिल होने की अपील की है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ये बैठकें 31 मार्च, 2025 तक पूरी कर ली जाएंगी और इनकी तस्वीरें आयोग के सोशल मीडिया हैंडल पर देखी जा सकती हैं।
आयोग के अनुसार, यह पहल चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के निर्देश पर सीईओ (मुख्य निर्वाचन अधिकारी), डीईओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) और ईआरओ (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी) स्तर पर पूरे देश में यह बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
लंबित प्रकरणों का शीघ्र समाधान मुख्य उद्देश्य
भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 और निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 के तहत लंबित प्रकरणों को सुलझाना है। इन प्रकरणों में मतदाता सूची में सुधार, नामांकन प्रक्रिया, मतदान केंद्रों पर समस्याएं और अन्य चुनावी अनियमितताएं शामिल हैं।

आयोग ने राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायतों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए पारदर्शी तरीके से समाधान करें।
राजनीतिक दलों से की गई सक्रिय भागीदारी की अपील
आयोग ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दलों और उनके बूथ लेवल एजेंट (बीएलए), पोलिंग एजेंट, काउंटिंग एजेंट और चुनाव एजेंट का चुनाव प्रक्रिया में अहम योगदान होता है। इनकी जमीनी स्तर पर मौजूदगी चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायक होती है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने कहा कि राजनीतिक दलों को इन बैठकों में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए ताकि चुनावी प्रक्रियाओं को और अधिक सुगम और निष्पक्ष बनाया जा सके।
सोशल मीडिया पर भी देखी जा सकेंगी तस्वीरें

आयोग ने यह भी जानकारी दी है कि इन बैठकों की तस्वीरें और प्रमुख अपडेट्स आयोग के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल (@ECISVEEP) पर साझा किए जाएंगे। इससे आम जनता को भी चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और प्रगति की जानकारी मिल सकेगी।
राजनीतिक दलों को क्या करना चाहिए?
- बैठकों में सक्रिय भागीदारी:
राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे स्थानीय स्तर पर होने वाली बैठकों में प्रतिनिधियों को भेजें और लंबित प्रकरणों पर चर्चा करें। - समस्याओं को उजागर करें:
चुनाव प्रक्रिया से जुड़े किसी भी प्रकार के अनियमितताओं या समस्याओं को समय पर अधिकारियों के समक्ष रखें। - रचनात्मक सुझाव दें:
चुनाव प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए रचनात्मक सुझावों के साथ योगदान करें।
निष्कर्ष
भारत निर्वाचन आयोग की इस पहल का उद्देश्य स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना है। राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी से न केवल लंबित प्रकरणों का समाधान होगा, बल्कि जनता का भी चुनाव प्रक्रिया में विश्वास मजबूत होगा।
अधिक जानकारी के लिए आयोग के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल @ECISVEEP पर जुड़ें और बैठकों की तस्वीरें देखें।