कटनी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आर.के. आठ्या ने स्वास्थ्य अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लक्ष्य पूरा न करने पर तीन सहायक नर्स दाइयों (एएनएम) के वेतन वृद्धि को निलंबित करने का आदेश दिया है।
यह कदम कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा जिले में विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने और लक्ष्य प्राप्त करने में प्रगति न होने पर नाराजगी व्यक्त करने के बाद उठाया गया है। सीएमएचओ ने तीनों एएनएम को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया, जिसके कारण वेतन कटौती का आदेश दिया गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में खराब प्रदर्शन के लिए तीन एएनएम के वेतन में कटौती**
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में समाज की सेवा करना और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाने का काम महत्वपूर्ण है। इसके लिए सरकार ने विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है, लेकिन हाल ही में हुए रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि तीन राज्यों में एएनएम (Auxiliary Nurse Midwife) के कुछ कर्मचारियों के वेतन में कटौती की गई है। इस मुद्दे पर विचार करते हुए, हमें यह समझने की जरूरत है कि इसके पीछे क्या कारण हैं और इससे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के योगदान पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
**कटौती की वजहें:**
तीन राज्यों में एएनएम के कुछ कर्मचारियों के वेतन में कटौती की प्रमुख वजहें निम्नलिखित हैं:
1. **बजट संकट:** कई बार सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए बजट की सीमाएं समय-समय पर संकट में आ सकती हैं। इस दौरान, सरकार अपने वित्तीय संकट को हल करने के लिए वेतन या भत्तों में कटौती का सहारा लेती है। यह स्थिति एएनएम जैसे बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के वेतन पर असर डाल सकती है।
2. **प्रशिक्षण और प्रगति की कमी:** कई बार ऐसा भी होता है कि सरकारी नौकरियों में कर्मचारियों को उनके प्रशिक्षण और प्रगति के आधार पर वेतन दिया जाता है। इसलिए, अगर किसी कर्मचारी का प्रदर्शन असंतोषजनक माना गया है, तो उसके वेतन में कटौती की जा सकती है।
3. **अन्य कारण:**
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में खराब प्रदर्शन के लिए तीन एएनएम के वेतन में कटौती
**प्रभाव:**
इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकारों को चाहिए कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के महत्वपूर्ण योगदान को समझें और उनकी जरूरतों के अनुसार समाधान ढूंढें। वेतन या अन्य प्रक्रियाओं में व्यवस्था में सुधार करने के माध्यम से इन कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि वे अपने काम को निष्ठा से और प्रभावी ढंग से कर सकें।
समाज की सेवा में लगे सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने के साथ-साथ, उनके साथ अन्य योगदानों को मान्यता देने का भी समय आ गया है। वे समाज
प्रभावित एएनएम सीएचसी बड़वारा की स्वर्णलता दास, सीएचसी बरही की मीरा सोलंकी और सीएचसी उमरिया की संजू गौंड हैं। आदेश में कहा गया है कि यदि वे अपने प्रदर्शन में सुधार करने में विफल रहती हैं, तो निलंबन सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने इससे पहले सीएमएचओ को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लक्ष्य पूरा न करने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था। सीएमएचओ ने एएनएम से पूछा था कि वे लक्ष्य पूरा क्यों नहीं कर रही हैं, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में खराब प्रदर्शन के लिए तीन एएनएम के वेतन में कटौती
इस कदम को उन स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए कड़ी चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है जो अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कलेक्टर और सीएमएचओ ने साफ कर दिया है कि वे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे और जो लोग ऐसा करने में विफल रहेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।