सर्वदलीय बैठक की खबर
आज दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा करना था।
मणिपुर संकट पर चर्चा: सरकार ने मणिपुर संकट पर चर्चा के लिए तैयार होने की बात कही है, जिसे विपक्ष ने प्रमुख मुद्दा बनाया है। इसके अलावा, महंगाई और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर भी चर्चा की जाएगी
विपक्ष का मोर्चा: 26 विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया है जिसे ‘INDIA’ नाम दिया गया है। इस गठबंधन का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को चुनौती देना है
कानून और विधायिका: इस मानसून सत्र में 32 विधायी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें से एक प्रमुख बिल है ‘फॉरेस्ट कंजरवेशन (संशोधन) बिल 2023’, जो जंगलों के लिए ‘अनरिकॉर्डेड’ जंगलों को मुक्त करने से संबंधित है
बैठक में सरकार और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी प्राथमिकताएं रखीं और आगामी संसद सत्र के सुचारू संचालन के लिए विचार-विमर्श किया गया।
सर्वदलीय बैठक, वही विपक्षी योगी govt के एक फैसले के खिलाफ सदन में हंगामा कर सकती है योगी सर्कार ने हल ही में कावड़ यात्रा के रस्ते लगाई जाने वाली खाद्य पदार्थ विक्रताओ को अपने पहचान लिखने के आदेश से मुद्दा गरमाया है
उपस्थित नेता:
- भारतीय जनता पार्टी (BJP): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी।
- कांग्रेस: अधीर रंजन चौधरी, मल्लिकार्जुन खड़गे।
- तृणमूल कांग्रेस (TMC): डेरेक ओ’ब्रायन।
- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI): डी राजा।
- आम आदमी पार्टी (AAP): संजय सिंह।
- द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK): तिरुचि शिवा।
अनुपस्थित नेता: बैठक में कुछ प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति भी दर्ज की गई, जिनमें शामिल हैं:
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी।
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
- समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव।
चर्चा के मुख्य बिंदु:
- मणिपुर संकट।
- महंगाई और अर्थव्यवस्था।
- दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण का अध्यादेश।
- जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग।
सर्वदलीय बैठक सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वे मानसून सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं और विपक्ष ने मणिपुर संकट और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।
यह बैठक इस बात की भी तैयारी थी कि संसद सत्र के दौरान सभी दलों के बीच संवाद बना रहे और सत्र का संचालन सुचारू रूप से हो सके।
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